Pregnancy in Hindi Month by Month: Garbhavastha Ki Jankari
माँ बनना हर महिला का सपना होता है। मातृत्व प्राप्त करना नारी के लिए सर्वोत्तम उपलब्धि होती है। यदि आप भी नयी मम्मी बनने वाली है तो इस समय हर कोई आपका ख्याल रखेगा लेकिन उसके साथ जरुरी है की आप भी आपका ख्याल रखे। क्योंकि ऐसे समय मे बच्चे और खुद की देखभाल करना बहुत आवश्यक है।
माँ बनना जितना खुसी का मौका है उतनी ही जिम्मेदारियां भी साथ लेकर आता है। इसलिए ही 9 महीने तक गर्भ की देखभाल करनी होती है। जिसे 9 महीने चिकित्सा कहते है।
यदि आप गर्भावस्था के दिनों मे आपका और होने वाले बच्चे का अच्छे से ख्याल नहीं रखते है, लापरवाही बरारत्ते है तो यह आप दोनों के लिए हानिकारक साबित हो सकता है। इसलिए यदि आप चाहती है की आपका बच्चा स्वस्थ हो तो अपना ख्याल रखे और इसके लिए पोषण युक्त आहार ले। महिला का आहार ऐसा होना चाहिए की जो गर्भास्थ शिशु के पोषण को पूरा कर सके।
जैसा की हम जानते है जैसे जैसे गृभवती महिला के गर्भावस्था के दिन बढ़ते जाते है उनमे कई तरह के परिवर्तन देखने को मिलते है। इसलिए हर महीने के अनुसार अलग अलग सावधानिया और हिदायत गृभवती महिला को बर्तना चाहिए। जिससे की बच्चा हश्ट पुष्ट पैदा हो। आइये आज के लेख मे जानते है Pregnancy in Hindi Month by Month.
माँ बनना जितना खुसी का मौका है उतनी ही जिम्मेदारियां भी साथ लेकर आता है। इसलिए ही 9 महीने तक गर्भ की देखभाल करनी होती है। जिसे 9 महीने चिकित्सा कहते है।
यदि आप गर्भावस्था के दिनों मे आपका और होने वाले बच्चे का अच्छे से ख्याल नहीं रखते है, लापरवाही बरारत्ते है तो यह आप दोनों के लिए हानिकारक साबित हो सकता है। इसलिए यदि आप चाहती है की आपका बच्चा स्वस्थ हो तो अपना ख्याल रखे और इसके लिए पोषण युक्त आहार ले। महिला का आहार ऐसा होना चाहिए की जो गर्भास्थ शिशु के पोषण को पूरा कर सके।
जैसा की हम जानते है जैसे जैसे गृभवती महिला के गर्भावस्था के दिन बढ़ते जाते है उनमे कई तरह के परिवर्तन देखने को मिलते है। इसलिए हर महीने के अनुसार अलग अलग सावधानिया और हिदायत गृभवती महिला को बर्तना चाहिए। जिससे की बच्चा हश्ट पुष्ट पैदा हो। आइये आज के लेख मे जानते है Pregnancy in Hindi Month by Month.
Pregnancy in Hindi Month by Month: 1
se 9 Mahine Ki Salah
Garbhavati Mahila Ka Pratham Mahina
(Pregnancy First Month)
- गर्भवती महिला के लिए पहला महीना बहुत ही खास होता है। इसलिए इसमें खास सावधानी की भी जरुरत होती है। इस महीने मे आपको आपके आहार का पूरा ध्यान रखना चाहिए आपके आहार मे प्रोटीन, कैल्शियम और आयरन की अधिक मात्रा शामिल करना चाहिए।
- बच्चे के बढ़ने मे माँ के खून का सबसे बड़ा योगदान होता है। इसलिए आपके आहार मे आयरन की मात्रा अच्छी होना चाहिए। इसलिए ज्यादा से ज्यादा पालक का सेवन करे।
- अंडे का सेवन करे क्योकि इसमें सबसे अधिक पोषक तत्व पाए जाते है। इसे आप पुरे 9 महीने तक खा सकते है।
Kya Na Kare
- किसी भी तरह के वजन को उठाने से बचे।
- पपीता का सेवन न करे इससे गर्भपात हो सकता है।
- यदि पानी पीते पीते उलटी आ जाये तो घबराये नहीं। पानी पीना बंद ना करदे। मतलि आना symptoms of pregnancy मे से एक है।
Garbhavati Mahila Ka Dusra Mahina
(Second Month)
- इस अवस्था मे बच्चे के ह्रदय का विकास होता है इसलिए इसमें अधिक सावधानी की आवश्यकता होती है।
- दूसरे महीने मे भ्रूण के अंगो का विकास होता है। इसलिए कैल्शियम और प्रोटीन से भरपूर आहार का सेवन करना चाहिए।
- अल्ट्रा साउंड के माध्यम से बच्चे के सर तथा पैर की स्तिथि का पता लगाया जा सकता है।
- चेहरे का आकर बनने लगता है।
- इस समय कहा जाता है की गर्भवती महिला जिसके बारे मे सबसे ज्यादा सोचती है बच्चा वेसा ही आकर लेता है। इसलिए अच्छी किताबे, संगीत और भोजन को अपनी दिनचर्या मे शामिल करना चाहिए।
Kya Na Kare
- यदि आप धूम्रपान करते है तो उसे छोड़ने का समय आ गया है।
- कैफीने पदार्थो का सेवन न करे।
Garbhavati Mahila Ka Tisra Mahina
(Third Month)
- इस महीने मे बच्चे की हड्डिया, कान और बाहरी अंगो का विकास होता है। यही वो समय है जब बच्चे के सर का भाग सबसे बड़ा होता है।
- इस महीने मे बच्चा 3 इंच तक का हो जाता है। जिससे गर्भ ठहरने के लक्षण नजर आने लगते है।
- बच्चे की आँख, हाथ, उंगलिया, पैर इस महीने मे विकसित होने लग जाती है। और यदि गर्भाशय मे देखा जाये तो जननांग बनते हुए देखे जा सकते है।
Kya Na Kare
गर्भावस्था के तीसरे महीने मे तनाव सबसे ज्यादा रहता है। जिससे शरीर मे कई दिक्कते आती है क्योकि पेट का निचला हिस्सा बच्चे के मूवमेंट के अनुसार बनता है। इस महीने मे गर्भवती महिला काम करने से बचे। और गर्भावस्था मे अच्छी देखभाल करे।
Garbhavati Mahila Ka Choutha Mahina
(Fourth Month)
- गर्भावस्था के इस महीने मे बच्चे के हॉर्मोन्स का निर्माण होता है और बाचे से एमनीओटिक लिक्विड निकलता है।
- इस दौरान बाचे की लंबाई और वजन मे वृद्धि होती है। तथा सर पर भी बाल आने लगते है।
- इसमें माँ का पेट बड़ा दिखाई देने लगता है। जिससे आपके गर्भाशय मे परिवर्तन दिखाई देने लगता है।
Kya Na Kare
ज्यादा टाइट कपडे जैसे जीन्स वगेरह न पहने, हलके और ढीले कपडे पहने। क्योंकि इस समय मांसपेशिया फैलना शुरू हो जाती है।
Garbhavati Mahila Ka Pachva Mahina
(Five Month)
- इसमें बच्चे के नए अंग नहीं बनते है बल्कि हाथो तथा पैरो की उंगलियो का विकास होता है।
- बच्चा कुछ समय गतिशील और कुछ समय शांत रहता है।
- उसकी त्वचा पर झुर्रिया और रंग लाल हो जाता है। तथा त्वचा मे वसा की मात्रा ज्यादा हो जाती है।
Kya Na Kare
- पहले की तुलना मे आपको भूख ज्यादा लगेगी तो जंक फ़ूड का सेवन करने से बचे।
- शराब, कॉफ़ी जैसे हानिकारक पेय पदार्थो का सेवन न करे इससे बच्चे को नुक्सान पहुचता है।
Garbhavati mahila ka Chhathvan Mahina
(Six Month)
- इस वक्त बच्चे के शरीर मे ब्राउन वसा बनना शुरू हो जाती है। जिससे बच्चे के शरीर का ताप नियंत्रित रहता है।
- आँखों का विकास पूरी तरह हो जाता है। और पलके खुली और बंद हो सकती है।
- बच्चे का रोना, लात मारना और हिचकी ले सकता है।
- छटे महीने मे आपको heartburn हो सकता है इसलिए ऐसे समय मे आपको एक साथ ज्यादा न खा कर थोड़ा थोड़ा खाना चाहिए।
- कुछ बच्चे छठे महीने मे हो जाते है जिन्हें premature baby कहा जाता है। इसलिए 6 महीने प्रेग्नेंट को अपना अच्छे से ख्याल रखना चाहिए।
Kya Na Kare
अपने मन से योग ना करे। यदि योग करना चाहती है तो चिकित्सक और योग शिक्षक की सलाह ले।
Garbhavati Mahila Ka Satva Mahina
(Seven Month)
- गर्भावस्था के इस दौरान आपके पेट का विकास जल्दी जल्दी होता है। तथा पेट के आकर मे भी परिवतन होता है।
- शिशु पेट मे अंगूठे को चूसता है।
- इस महीने मे आप बच्चे के द्वारा दी गई लात को भी महसूस कर सकते है। और गृभवती के पेट पर कान रखने से बच्चे की धड़कने भी सुनाई देती है।
Kya Na Kare
- गर्भवास्था के समय भूलकर भी हाई हील न पहने इससे आपको कमर दर्द होगा और आप गिर भी सकती है जिससे आपके बच्चे को चौट भी लग सकती है।
- स्कूबा, फुटबॉल, बास्केटबॉल, वाटर स्किंग जैसे खेल को न खेले
Garbhavati Mahila Ka Aathva Mahina
(Eight Month)
- बच्चा आँखों को पूरी तरह खोल लेता है। साथ ही जागने सोने की आदत भी उसमे पड़ जाती है।
- बच्चे का वजन 2 से 3 kg तक होता है। और उसकी लंबाई 41cm से 45 cm की होती है।
- गर्भवती माँ बच्चे की हलचल को आसानी से महसूस कर सकती है।
- इस समय आपको थकान तथा रात मे अच्छे से नींद नहीं आती है। क्योंकि करवटे बदल बदल कर नींद खराब हो जाती है।
- आप पहले की तुलना मे और ज्यादा असहज महसूस करते है। इससे छुटकारा पाने के लिए योग का सहारा ले सकते है।
Kya Na Kare
- आपको ज्यादा देर तक खड़े नहीं रहना चाहिए क्योंकि बच्चा आपके पेट मे रहता है जिससे आपके पेट पर जोर पड़ता है। हो सकता है आपकी कमर भी दुखने लग सकती है।
- अपने शरीर की सुने जैसे यदि आपको भूख लगी है तो खाना खाये थकन हो रही है तो आराम करे।
Garbhavati Mahika Ka Nova Mahina
(Nine Month)
- यही वो वक्त है जिसका आप इतने समय से इंतज़ार कर रही थी। इस महीने आप थोड़ी डरी हुई है लेकिन बहुत ज्यादा खुश रहती है क्योंकि आपके बच्चे का बाहर आने का यानी डिलीवरी का समय रहता है।
- बच्चे की आँखे कबूतर रंग की होती है जो उसके पैदा होने के बाद बदल जाती है।
- बच्चे का सर निचे और पैर ऊपर की तरफ होते है। तथा बच्चा शांत रहता है।
- आपके स्तन स्तनपान के लिए तैयार हो जाते है और इनमे से रिसाव होने लगता है। साथ ही पेट काफी बाहर निकल आता है।
Kya Na Kare
- गरम पानी से स्टीम बाथ न ले क्योंकि इससे शरीर के बाहरी और अंदर के तापमान मे परिवर्तन आ जाता है। जो की माँ और बच्चे दोनों के लिए अच्छा नहीं है।
- सातवे, आठवे, और नोवे महीने मे भारी वजन बिलकुल न उठाये। शुरुवाती दिनों से ही बात का ध्यान रखे।
ऊपर आपने जाना Pregnancy in Hindi Month by Month. यदि आप भी नयी माँ बनने वाली है। तो ऊपर दी गयी बातो को जाने समझे। किसी भी तरह की परेशानी हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करे।
