Brain Fever Symptoms in Hindi: दिमागी बुखार के कारण, लक्षण और उपचार: Dimagi Bukhar Ke Karan, Lakshan aur Upchar
आज के समय में हर व्यक्ति किसी ना किसी बीमारी से जूझ रहा है और इसका कारण है चिंता, तनाव, दूषित वातावरण, अनियमित खानपान आदि। एक अच्छा स्वस्थ सबसे अधिक मूल्यवान होता है। लेकिन कई प्रकार की बीमारिया हमारे स्वस्थ के लिए खतरा उत्पन्न कर देती है। इन्ही घातक बीमारियों में से एक है मस्तिष्क ज्वर यानि दिमागी बुखार।
दिमागी बुखार, मस्तिष्क पर होने वाला एक ऐसा संक्रमण है जो की करीबन 2 लाख लोगो में से 1 आदमी में पाया जाता है। यह संक्रमण अधिकतर बच्चो, बुजुर्गो और जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है उनमे पाया जाता है। मस्तिष्क ज्वर को इंग्लिश में इन्सेफेलाइटिस कहा जाता है।
व्यक्तियों में इस बुखार के होने से मस्तिष्क में सूजन और तेज बुखार आ जाता है। इसके होने के कई कारण होते है जैसे विषाणु, हानिकारक केमिकल, परजीवी आदि। इसके अतिरिक्त वायरल इन्सेफेलाइटिस भी इसके पीछे का मुख्य कारण होता है। इसलिए बुखार आने पर चिकित्सक को बिना देर किये दिखाना चाहिए। दिमागी बुखार के लक्षणों के बारे में जानने के लिए आइये पढ़े Brain Fever Symptoms in Hindi और इन्हें जानकर करे इसका सही इलाज।
दिमागी बुखार अक्सर बरसात के मौसम में बहुत होता है। इसके होने से व्यक्ति को पहले शरीर में बुखार आता है फिर यह बुखार सर तक पहुच जाता है। ऐसे में व्यक्ति बहकी-बहकी बाते भी करने लगता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि बुखार व्यक्ति के मस्तिष्क पर हावी हो जाता है। इसलिए जब भी किसी को भी इस तरह के लक्षण दिखाई दे तुरंत चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए।
मस्तिष्क ज्वर से ग्रसित केवल 10 प्रतिशत लोग ऐसे होते है जिनमे इस बीमारी के लक्षण देखने को मिलते है और 50 से 60 प्रतिशत मरीजो की तो मौत हो जाती है। इस बीमारी का केहर जुलाई से दिसम्बर महीने के बिच सबसे अधिक होता है।
सर में दर्द होना
मासपेशियो में कमजोरी महसूस होना
हैमीपैरेसिस- शरीर के सभी बाहरी अंगो मे कमजोरी महसूस होना
मतली या उल्टी लगना
गर्दन, पीठ और कंधो मे अकड़न
तेज बुखार और ठण्ड लगना
दिमागी बुखार होने पर व्यक्तियों की मानसिक स्थिति में भी परिवर्तन होते है। जैसे
कोई भी डिसिजन लेने मे असहजता या परेशानी होना
डरोसिनेस्स-कभी भी अच्छा महसूस ना होना और बोरियत लगना
चिड़चिड़ापन
आलस और मानसिक स्थिति सही ना होना
पुअर रिस्पांसिवनेस-किसी भी काम को सही से ना कर पाना, मूड का चेंज होना
सोचने और समझने की क्षमता कम हो जाना
दिमागी बुखार होने पर कुछ लोगो के मस्तिष्क मे सूजन हो जाती है। और यह सूजन किसी भी घातक विषाणु के संक्रमण से होता है। घातक विषाणु जैसे जापानी इन्सेफेलाइटिस वायरस, सेंट लूसी वायरस, वेस्ट नील वायरस आदि वायरल इन्सेफेलाइटिस के प्रमुख कारण होते है।
जीवाणु इन्सेफेलाइटिस एक बहुत घातक संक्रमण के कारण होता है। इन्सेफेलाइटिस मुख्यतः दो प्रकार का होता है प्राइमरी इन्सेफेलाइटिस और सेकेंडरी इन्सेफेलाइटिस। प्राथमिक इन्सेफेलाइटिस में विषाणु या अन्य संक्रमक वाहक सीधे मस्तिष्क को प्रभावित करते है जिससे संक्रमण एक क्षेत्र मे रहता है। और दूसरे प्रकार के इन्सेफेलाइटिस तब होता है जब हमारी रोग प्रतिरोषक क्षमता कमजोर पड़ जाती है और यह विषाणु हमारे मस्तिष्क की स्वस्थ कोशिकाओं पर आक्रमण कर देती है।
एंटी-सैजुरे दवाये- दिमागी बुखार की वजह से पड़ने वाले दौरे को रोकने के लिए।
स्टेरॉइड्स जैसे डेक्सअमेथसोन- यह मस्तिष्क की सूजन को रोकने के लिए ली जाती है।
सेडेटिवेस- व्यक्तियों को होने वाले चिड़चिड़ेपन और बेचैनी के इलाज के लिए।
असटामिनोफेन- बुखार और सर दर्द को दूर करने के लिए।
कोई भी कदम उठाने से पहले या किसी दवाई के प्रयोग से पहले अपने डॉक्टर की सलाह अवस्य ले।
ऊपर आपने Brain Fever Symptoms in Hindi और इसके कारणों के बारे मे जाना। यदि आप या फिर आपके आसपास किसी को भी इस बुखार के लक्षण दिखाई दे रहे है तो चिकित्सक की सलाह और उचित उपचार से इस घातक बीमारी से बचे।
दिमागी बुखार, मस्तिष्क पर होने वाला एक ऐसा संक्रमण है जो की करीबन 2 लाख लोगो में से 1 आदमी में पाया जाता है। यह संक्रमण अधिकतर बच्चो, बुजुर्गो और जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है उनमे पाया जाता है। मस्तिष्क ज्वर को इंग्लिश में इन्सेफेलाइटिस कहा जाता है।
व्यक्तियों में इस बुखार के होने से मस्तिष्क में सूजन और तेज बुखार आ जाता है। इसके होने के कई कारण होते है जैसे विषाणु, हानिकारक केमिकल, परजीवी आदि। इसके अतिरिक्त वायरल इन्सेफेलाइटिस भी इसके पीछे का मुख्य कारण होता है। इसलिए बुखार आने पर चिकित्सक को बिना देर किये दिखाना चाहिए। दिमागी बुखार के लक्षणों के बारे में जानने के लिए आइये पढ़े Brain Fever Symptoms in Hindi और इन्हें जानकर करे इसका सही इलाज।
Brain Fever Symptoms in
Hindi: Dimagi Bukhar Ke Lakshan, Karan aur Upchar
दिमागी बुखार अक्सर बरसात के मौसम में बहुत होता है। इसके होने से व्यक्ति को पहले शरीर में बुखार आता है फिर यह बुखार सर तक पहुच जाता है। ऐसे में व्यक्ति बहकी-बहकी बाते भी करने लगता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि बुखार व्यक्ति के मस्तिष्क पर हावी हो जाता है। इसलिए जब भी किसी को भी इस तरह के लक्षण दिखाई दे तुरंत चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए।
मस्तिष्क ज्वर से ग्रसित केवल 10 प्रतिशत लोग ऐसे होते है जिनमे इस बीमारी के लक्षण देखने को मिलते है और 50 से 60 प्रतिशत मरीजो की तो मौत हो जाती है। इस बीमारी का केहर जुलाई से दिसम्बर महीने के बिच सबसे अधिक होता है।
Dimagi Bukhar Ke Lakshan
दिमागी बुखार के होने से कौन-कौन से लक्षण देखने को मिलते है? जानने के लिए यहाँ पढ़े सिम्पटम्स ऑफ़ ब्रेन फीवर।सर में दर्द होना
मासपेशियो में कमजोरी महसूस होना
हैमीपैरेसिस- शरीर के सभी बाहरी अंगो मे कमजोरी महसूस होना
मतली या उल्टी लगना
गर्दन, पीठ और कंधो मे अकड़न
तेज बुखार और ठण्ड लगना
दिमागी बुखार होने पर व्यक्तियों की मानसिक स्थिति में भी परिवर्तन होते है। जैसे
कोई भी डिसिजन लेने मे असहजता या परेशानी होना
डरोसिनेस्स-कभी भी अच्छा महसूस ना होना और बोरियत लगना
चिड़चिड़ापन
आलस और मानसिक स्थिति सही ना होना
पुअर रिस्पांसिवनेस-किसी भी काम को सही से ना कर पाना, मूड का चेंज होना
सोचने और समझने की क्षमता कम हो जाना
Dimagi Bukhar Aane Ke
Karan
मस्तिष्क ज्वर लोगो को कई प्रकार के विषाणुओ जैसे रब्बिस वायरस, हर्पिस सिम्पलेक्स पोलियो वायरस, खसरे का विषाणु, और छोटी चेचक का विषाणु आदि दिमागी बुखार का कारण होता है।दिमागी बुखार होने पर कुछ लोगो के मस्तिष्क मे सूजन हो जाती है। और यह सूजन किसी भी घातक विषाणु के संक्रमण से होता है। घातक विषाणु जैसे जापानी इन्सेफेलाइटिस वायरस, सेंट लूसी वायरस, वेस्ट नील वायरस आदि वायरल इन्सेफेलाइटिस के प्रमुख कारण होते है।
जीवाणु इन्सेफेलाइटिस एक बहुत घातक संक्रमण के कारण होता है। इन्सेफेलाइटिस मुख्यतः दो प्रकार का होता है प्राइमरी इन्सेफेलाइटिस और सेकेंडरी इन्सेफेलाइटिस। प्राथमिक इन्सेफेलाइटिस में विषाणु या अन्य संक्रमक वाहक सीधे मस्तिष्क को प्रभावित करते है जिससे संक्रमण एक क्षेत्र मे रहता है। और दूसरे प्रकार के इन्सेफेलाइटिस तब होता है जब हमारी रोग प्रतिरोषक क्षमता कमजोर पड़ जाती है और यह विषाणु हमारे मस्तिष्क की स्वस्थ कोशिकाओं पर आक्रमण कर देती है।
Dimagi Bukhar Dur Karne
Ke Upchar
ब्रेन फीवर ट्रीटमेंट की सहायता से आप दिमागी बुखार को दूर कर सकते है। यह उपचार आपको बुखार से लड़ने के लिए सभी मददगार और सहायक देखभाल (rest, nutrition’s, fluids) प्रदान करेगा जिससे आप इस दिमागी बुखार से लड़ने के लिए सक्षम हो पाएंगे। साथ ही मानसिक रूप से कमजोर हो चुके लोगो के लिए भी यह उपाय कारगर साबित रहेंगे।
Davaiyo mai pramukh hai.
एंटीबायोटिक दवाये- जब बुखार किसी भी प्रकार के बैक्टीरिया की वजह से होता है तब यह दवा ली जाती है।एंटी-सैजुरे दवाये- दिमागी बुखार की वजह से पड़ने वाले दौरे को रोकने के लिए।
स्टेरॉइड्स जैसे डेक्सअमेथसोन- यह मस्तिष्क की सूजन को रोकने के लिए ली जाती है।
सेडेटिवेस- व्यक्तियों को होने वाले चिड़चिड़ेपन और बेचैनी के इलाज के लिए।
असटामिनोफेन- बुखार और सर दर्द को दूर करने के लिए।
कोई भी कदम उठाने से पहले या किसी दवाई के प्रयोग से पहले अपने डॉक्टर की सलाह अवस्य ले।
ऊपर आपने Brain Fever Symptoms in Hindi और इसके कारणों के बारे मे जाना। यदि आप या फिर आपके आसपास किसी को भी इस बुखार के लक्षण दिखाई दे रहे है तो चिकित्सक की सलाह और उचित उपचार से इस घातक बीमारी से बचे।