Labour Pain in Hindi: Prasav Pida Se Sambandhit Jankari
माँ बनना हर महिला के लिए एक अलग ही अनुभव होता है। एक बच्चे को जन्म देने के अनुभव के लिए माँ पुरे 9 महीने इन्तेजार करती है। बच्चे के आने की खुसी से ना केवल माँ बल्कि पूरा परिवार खुसी के माहौल में डूब जाता है। और ऐसा हो भी क्यों ना। कौन नहीं चाहता की उसके घर मे कोई नन्हे नन्हे कदम लेकर आये।
गर्भवती महिला इस कीमती पल का इन्तेजार बड़ी खुसी के साथ करती है। लेकिन जब यह समय नजदीक आ जाता है तो वो थोड़े तनाव मे चली जाती है। इसके पीछे का सबसे मुख्या कारण कुछ और नहीं बल्कि प्रसव पीड़ा से होने वाला दर्द है। यह एक ऐसा दर्द है जिससे हर माँ को गुजरना पड़ता है।
यह दर्द बेहद ही असहनीय होता है। लेकिन यह दर्द इस बात का संकेत दे देता है की माँ किसी भी समय बच्चे को जन्म दे सकती है। यदि महिला की नोर्मल डिलीवरी है तो उसे इस दर्द से गुजरना ही पड़ेगा। लेकिन कुछ तरीको को अपनाकर इस प्रसव पीड़ा के दर्द को कम जरूर किया जा सकता है।
आइये जाने Labour Pain in Hindi. यहाँ दी गयी जानकारी को जानकर आप अपनी प्रसव पीड़ा को काफी हद तक कम कर सकती है।
Labour Pain in Hindi: Prasav Pida Ke
inn Tathyo Ko Jane
गर्भावस्था के दौरान लेबर पैन सबसे आखरी और अंतिम चरण होता है। इसके बाद ही माँ एक बच्चे को जन्म दे पाती है। इस दौरान महिला को काफी दर्द से गुजरना पड़ता है। इससे बचने के लिए चिकित्सक गर्भवती महिला को accupressur, massage, therepies आदि चीज़े कंसल्ट करते है। इन सभी तरीको से ना केवल डिलीवरी की प्रसव पीड़ा कम हो जाती है बल्कि वो एक स्वस्थ बच्चे को भी जन्म देती है।
आइये जाने प्रसव पीड़ा से जुडी कुछ जरुरी बाते। लेबर पैन मे महिला को हमेशा हिम्मत दिलाने की जरुरत होती है, इसलिए उन्हें इस दौरान तनाव नहीं देना चाहिए। कुछ ऐसी बाते है जिसे प्रसव के दौरान ध्यान मे रखी जाती है लेकिन कुछ चीज़ों को गर्भावस्था के वक्त से ध्यान मे रखना होता है।
Garbhavastha Ke Douran Yeh Kare:-
Yog Ka Abhyas
गर्भावस्था के दौरान योग करना भी प्रसब पीड़ा को कम करता है। यह हमारे शरीर को मजबूत बनाता है जिससे हमारा शरीर दर्द को सहने के लिए तैयार हो जाता है। योग प्रेग्नेंट महिला के लिए जरुरी है।
Parvatasana: कुछ महिला को ऐसा व्यायाम करना होता है जो ना केवल उन्हें प्रसव के दर्द से निजाद दिलाये बल्कि उनके शरीर को बाद मे बेडोल होने से भी बचाये। पर्वतासन करने से शरीर आगे चलकर बेडोल नहीं होता है। इसके अतिरिक्त उन्हें कमर दर्द भी कम होता है।
Anulom Vilom: यह सास का व्यायाम है। इससे मानसिक तनाव दूर होता है। बहुत सी महिलाये प्रसव दर्द के बारे मे सोचकर तनाव मे आ जाती है। उनके लिए यह एक बेहतरीन व्यायाम है। इससे रक्त का संचार बढ़ता है और रक्तचाप भी नियंत्रित रहता है।
Titali Aasan: तितली आसन को बटरफ्लाई भी कहा जाता है। यह बेस्ट प्रेगनेंसी योग है। इस आसन के अभ्यास से शरीर के निचले हिस्से का तनाव खुलता है और शरीर का लचीलापन बढ़ जाता है। जिससे गर्भवती महिला को दर्द कम होता है। यदि आप प्रजनन के दौरान की दिक्कत को कम करना चाहती है तो तितली आसन को गर्भावस्था के तीसरे महीने से शुरू कर दे।
Acupuncture Ko Apnaye
आपके शरीर मे सुई चुभने की कल्पना का सोचकर ही आपको डर लगता होगा। लेकिन आपको बतादे की यह आपकी प्रसव पीड़ा को प्रेरित करने के लिए बहुत प्रभावी है। प्रसव पीड़ा का दर्द कम करने और प्रसव सहजता से पूरा करने के लिए एक्यूपंक्चर का इस्तेमाल किया जा सकता है। और यदि आपको सुई चाभने की प्रक्रिया को पसंद नहीं करते है तो accupressure को अपनाये।
Strenthing Vyayam
हर गर्भवती महिलाओ के मुह से आपने यह सुना होगा की उन्हें कमर दर्द बहुत होता है। दरअशल गर्भावस्था के दौरान कमर पर सबसे ज्यादा दबाव रहता है। इसलिए ही प्री-प्रेगनेंसी मे महिलाओ मे कमर दर्द की समस्याए आम है। इसलिए गर्भावस्था को आसान बनाने के लिए स्ट्रेंथिंग व्यायाम करना लाभप्रद है।
इसे करने के लिए सबसे पहले तो सीधे खड़े रहे। फिर अपने दोनों हाथो को ऊपर करे। फिर अपने सर को निचे की और झुकाये और कमर को ऊपर की तरफ स्ट्रेच करे। कुछ सेकण्ड्स इसी मुद्रा मे रहे, फिर सामान्य अवस्था मे आ जाये। इस प्रक्रिया को शुरुवात मे 2-3 बार करे। फिर धीरे धीरे 10 तक करने की आदत डाले।
Prasav(Delivery) Ke Samay:-
Mahila Ka Sathi Pas Rahe
ऐसा कहा जाता है की प्रसव पीड़ा के दौरान यदि महिला का साथी उसके साथ रहे और पीड़ा सहने के दौरान उसे चूमता रहे तो इससे महिला को दर्द सहने की ताकत और हिम्मत मिलती है।
Halka Belly Dance
आपको यह सुनकर थोड़ा आस्चर्यजनक जरूर लग रहा होगा लेकिन ब्रिटेन मे प्रेग्नेंट महिला लेबर पैन को सह सकने के लिए पहले से ही बॉडी को शशक्त बनाने के लिए लगी रहती थी। और इसके लिए वहा महिलाये लाइट बेल्ली डांस करती है।
Gharelu Tarika
बथुआ के 10 ग्राम बीज को 500 ग्राम पानी मे डालकर अच्छी तरह उबाले। जब पानी आधा रह जाये तो उतार के छान ले और प्रसूता को पिलाये। इससे प्रसव पीड़ा मे आराम मिलता है और बच्चा आसानी से हो जाता है। बेबी डिलीवरी पैन के लिए भी यह अच्छा है।
इसके अतिरिक्त अमलतास के छिलको के 5 ग्राम चूर्ण को 200 ग्राम पानी मे अच्छी तरह औटाकर उसे छान ले। फिर शक्कर मिलाकर गर्भवती स्त्री को पिला दे। इससे प्रसव पीड़ा मे आराम मिलता है।
इसके अतरिक्त प्रसव पीड़ा को कम करने के और भी कई तरीके है। हर जगह अलग अलग तरीके अपनाये जाते है जैसे अमेरिका मे लेबर पैन के दौरान पीठ की पीड़ा को कम करने के लिए टेनिस बॉल को महिला के पीछे रखा जाता है। और कभी कभी उसे मूव भी किया जाता है।
इसके अलावा गर्भवती महिलाओ को कुछ ऐसी बात कही जाती है जो उसके दिमाग मे बुरा असर डालती है उन बातो को कहने से बचे।
तुम्हारी गर्भाशय ग्रीवा अभी नहीं खुली है इस बात को सीधे सुनने पर गर्भवती तनाव मे आ जाती है। इसलिए इस बात को आराम से समझाए।
यदि गर्भवती चीखती चिल्लाती है तो उसे यह कहने के बजाय की अपनी एनर्जी एक्टिव फेज के लिए बचाकर रखे, उसे हिम्मत देने की कोशिश करे।
Prasav Pida Uteejit Karne Ke Tarike,
Inhe Bhi Jane:-
Ananas Ka Sevan
अनानास भी प्रसव पीड़ा को उत्तेजित करने मे सहायक है। क्योकि इसमें ब्रोमेलैन नामक एंजाइम होता है जो गर्भाशय को नरम करता है। यदि किसी गर्भवती महिला के 4 महीने पुरे हो चुके है तो वो अनानास का सेवन करके खुद की मदद कर सकती है। परंतु इसका सिमित मात्रा मे ही सेवन करे नहीं तो इससे आपका पेट भी ख़राब हो सकता है।
Walking Kare
शुबह शाम चलना हर गर्भवती के लिए फायदेमंद होता है। दरअशल चलने से प्राकृतिक रूप से प्रसव पीड़ा प्रारम्भ होने की संभावना होती है। क्योकि यह स्तिथि बहुत सही होती है तथा इसके कारण आपके बच्चे को गर्भाशय की ग्रीवा की और आने मे मदद मिलती है।
Arandi Ka Tel
अरंडी का तेल प्रसव पीड़ा को उत्तेजित करने मे बहुत प्रभावी होता है। लेकिन इसे लेने से पहले आप अपने चिकित्सक की सलाह जरूर ले। अपने डॉक्टर से सलाह लेने के बाद इसकी कुछ मात्रा संतरे के रस मे मिला ले। अरंडी के तेल की चिकनाई पेट को उत्तेजित करती है जिसके कारण मल पतला होने लग जाता है।
इससे गर्भाशय मे संकुचन होना शुरू हो जाता है। इसके कारण कुछ लोगो को मतली भी आ जाती है। जिस वजह से यह तरीका उनके लिए फायदेमंद नहीं होता। मतली आने का यह मतलब बिकुल नहीं है की इससे आपको और आपके बच्चे को कोई नुकसान है। इसका बस इतना सा ही मतलब है आपका पेट ख़राब हो गया है।
Gungune Pani Se Snan Kare
गरम पानी मे नहाने से भी आपकी प्रसव पीड़ा प्रारम्भ हो जाती है। लेकिन एक बात का ख्याल रखे की पानी बहुत ज्यादा गरम ना हो नहीं तो इससे आपके बच्चे को तनाव भी हो सकता है। क्योकि आपके शरीर का तापमान अंदर से अधिक ही होता है। नहाने के पानी मे आप लेवेंडर तेल की एक दो बून्द भी मिला सकते है। इससे आपको आराम भी मिलेगा और आपका मूड भी अच्छा होगा।
Lehsun Ka Sevan
प्रसव पीड़ा को उत्तेजित करने मे लहसुन भी मददगार होता है। यह आपके मल निष्कासन को उत्तेजित करता है जिससे आपका मल पतला हो जाता है। परिणामस्वरूप आपका गर्भाशय उत्तेजित हो जाता है और उसमे संकुचन शुरू हो जाता है। इसके अलावा इससे आपके बच्चे को निचे की ओर आने मे सहायता भी मिलती है।
ऊपर आपने जाना Labour Pain in Hindi. यदि आप गर्भवती है तो ऊपर दी गयी जानकारी को अच्छे से समझे जाने और बिच बिच मे चिकित्सक से जांच भी करवाते रहे।

